महाकालेश्वर देश का एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग,

 महाशिवरात्रि पर बम भोले की ध्वनि गुंजायमान उज्जैन के साथ ही देशभर में शिव मंदिरों में गुंजायमान है। बाबा महाकाल के दरबार में गुरुवार रात 10 बजे से ही भक्तों का का तांता लगना शुरू हो गया था। देश-विदेश से आए भक्त आपने आराध्य की एक झलक पाने को लालायित दिखे। उज्जैन स्थित बाबा महाकाल देश के एकमात्र ऐसे शिवलिंग हैं, जो दक्षिणमुखी हैं। इसके साथ ही सिर्फ यहीं भस्मारती के पूर्व बाबा को हरिओम जल चढ़ाया जाता है। बाबा के दर्शन से मृत्यु दर्शन यमराज द्वारा दी जाने वाली यातनाओं से भी मुक्ति मिल जाती है।



महाकालेश्वर की एक और खास बात यह भी है कि सभी प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र महाकालेश्वर ही दक्षिणमुखी हैं अर्थात इनकी मुख दक्षिण की ओर है। धर्म शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा के स्वामी स्वयं भगवान यमराज हैं। इसलिए यह भी मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से भगवान महाकालेश्वर के दर्शन व पूजन करता है उसे मृत्यु उपरांत यमराज द्वारा दी जाने वाली यातनाओं से मुक्ति मिल जाती है।


यह है हरिओम जल
तड़के पट खुलने के बाद सबसे पहले गर्भगृह की सफाई की जाती है। इसके बाद भगवान महाकाल को स्नान करवाया जाता है। स्नान के पश्चात भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जाता है। अभिषेक के बाद ही श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाता है। इस दौरान कोटितीर्थ कुंड से लाया गया जल पुजारी और श्रद्धालु शिवलिंग पर अर्पित करते हैं, उसे हरिओम जल कहा जाता है। इसके बाद बाबा महाकाल की भस्मारती होती है।